Hindtimes कैसे बिक गई मोहतरा की घास छोटे जंगल की जमीन रजिस्ट्री कराकर बेच दिया जांजगीर जिले के महिला ने खरीदी जमीन सरपंच एवं ग्रामीणों ने नामांतरण के लिए लगाया रोक आखिर कैसे बिक गई जमीन उच्चधिकारियों की बात न माने तो पटवारियों को सस्बेंड होने का रहता है डर? पंचायत मोहतरा का जहा घास छोटे जंगल की भूमि को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दिया गया बताया जा रहा है ग्राम पंचायत मोहतरा पहन.31 तहसील मस्तूरी भूमि मूल खसरा नम्बर 7 रकबा जो कि 15 एकड़ के आसपास एकड़ जो वर्ष 1928-29 के मिशल बंदोबस्त में छोटे झाड़ के जंगल और घास मद में दर्ज चला आ रहा है जिसमे से मूल खसरा नम्बर 7 की भूमि को खसरा नम्बर 7/5 शामिल खसरा 22/3 रकबा 1.00 एकड राजस्व अभिलेख में दर्ज कराकर ग्राम मोहतरा निवासी अभिषेक कुमार पिता आशा राम, रथ बाई पति आशाराम ने छोटे झाड़ के जंगल और घास मद दर्ज भूमि लगभग 1 एकड़ भूमि को जांजगीर जिले के ग्राम ठठारी निवासी महिला श्रीमती प्रेमन चन्द्रा पति पीलादाउ चन्द्रा के पास बेच दिया गया जिसका रजिस्ट्री भी इसी माह में हो गया जिसकी शिकायत मोहतरा के सरपंच एवं ग्रामीणों ने मस्तूरी तहसील में नामांतरण और रजिस्ट्री में रोक लगाने के लिए शिकायत दर्ज किया है
अवैध ढंग से रजिस्ट्री की जा रही है पटवारी किसी भी जमीन का खसरा रकबा नंबर और जमीन का उपयोग दर्शाते हुए B1 नकल लेता जिसके आधार पर पंजीयक कार्यालय जमीन की रजिस्ट्री करता है और राजस्व के सक्षम अधिकारी इन जमीनों का नामांतरण करते हैं जमीन की खरीदी बिक्री में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण है सरकारी जमीनों की रजिस्ट्री कैसे हो गया ? पर जमीन की दलाली में सब के हित सध रहे हैं रहे हैं
मस्तूरी अनुविभागीय अधिकारी पंकज डाहीरे का कहना है तहसीलदार द्वारा प्रतिवेदन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद मोहतरा किए पट्टे वाली जमीन जो खरीदी बिक्री की गई है उसके जांच कर दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी बी1 में पटवारी को लिखना चाहिए कि यह जमीन बिक्री योग्य नहीं है या रजिस्ट्री मान्य नहीं होगा मोहतरा की सरपंच ने नामांतरण पर रोक लगाने के लिए आवेदन दिया है जिस पर रोक लगाया जाएगा